शहडोल वन विभाग में उच्चाधिकारी और कर्मचारियों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। वरिष्ठ वन अधिकारी, सहायक मुख्य वन संरक्षक (CCF) अजय पाण्डेय पर रेंजर से अभद्रता करने का गंभीर आरोप लगा है। इस आरोप के बाद वनकर्मियों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है। वे इस घटना के विरोध में एकजुट होकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने की तैयारी कर रहे हैं।
CCF पर रेंजर से अभद्रता का आरोप
घटना रोहनिया बीट की बताई जा रही है, जहां जमीन के सीमांकन को लेकर CCF और रेंजर के बातचीत हुई आरोप है कि CCF अजय पाण्डेय ने रेंजर राम नरेश विश्वकर्मा के साथ न सिर्फ गाली-गलौच की, बल्कि उनके बीमार बेटे को लेकर भी आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं, इस व्यवहार से आहत होकर शहडोल वन परिक्षेत्र के अधिकारियों-कर्मचारियों ने सामूहिक विरोध जताया और फॉरेस्ट एसोसिएशन की अगुवाई में ज्ञापन सौंपकर उच्च स्तरीय जांच और कार्रवाई की मांग की है।
फोन पर प्रतिक्रिया देते हुए CCF अजय पाण्डेय ने सभी आरोपों को निराधार और दुर्भावनापूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि पूरा मामला एकतरफा प्रस्तुत किया जा रहा है, और यह विरोध पूर्वाग्रह से ग्रसित है। CCF पाण्डेय ने पलटवार करते हुए कहा कि कई कर्मचारियों के खिलाफ किसानों से पैसे मांगने की शिकायतें सामने आई हैं, जिसे लेकर स्वयं विधायक मनीषा सिंह ने भी मुख्यमंत्री के माध्यम से लिखित शिकायत की है।
उन्होंने संकेत दिए कि इन्हीं जांचों से बचने के लिए अब कुछ कर्मचारी विरोध की आड़ ले रहे हैं
शहडोल वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, सहायक मुख्य वन संरक्षक अजय पाण्डेय ने एक रेंजर के साथ अभद्र व्यवहार किया है, जिसके कारण विभाग में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। वनकर्मियों का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है जब अधिकारी और कर्मचारी के बीच ऐसा विवाद सामने आया हो। वे आरोप लगाते हैं कि उच्चाधिकारी का यह रवैया विभागीय अनुशासन और सम्मान के खिलाफ है।
रेंजर ने इस घटना की शिकायत संबंधित उच्च अधिकारियों से की है, लेकिन मामला तूल पकड़ता गया है। वनकर्मियों का कहना है कि जब तक CCF के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं होती, वे शहडोल वन विभाग के कार्यों में हड़ताल जैसे कदम भी उठा सकते हैं।
वनकर्मियों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
वनकर्मियों ने अपनी मांगों और CCF के खिलाफ शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय को एक ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में उन्होंने विभागीय अधिकारियों के असंवैधानिक और अनुशासनहीन व्यवहार का कड़ा विरोध जताया है। ज्ञापन में आग्रह किया गया है कि वन विभाग में सामंजस्य और कार्यक्षमता बनाए रखने के लिए तत्काल उचित जांच कर कार्रवाई की जाए।
वनकर्मियों का कहना है कि वे वन विभाग के विकास और संरक्षण कार्यों के प्रति समर्पित हैं, लेकिन अगर उच्च अधिकारी अपनी पद की शक्ति का दुरुपयोग करते रहेंगे तो इससे विभागीय माहौल खराब होगा। उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
वन विभाग में बढ़ रहा तनाव, समाधान की उम्मीद
इस विवाद से शहडोल वन विभाग का कार्यकलाप भी प्रभावित हो रहा है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि वन संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा के महत्वपूर्ण कार्य इस तनाव के कारण बाधित हो सकते हैं। ऐसे में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और राज्य प्रशासन को जल्द से जल्द इस मामले का समाधान निकालना होगा।
वनकर्मियों की एकता और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपना इस बात का संकेत है कि वे अपने हक और सम्मान के लिए आवाज बुलंद करने को तैयार हैं। वन विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि वनकर्मियों और अधिकारियों के बीच सकारात्मक माहौल बन सके।
शहडोल वन विभाग में CCF अजय पाण्डेय और रेंजर के बीच विवाद ने विभाग के माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है। वनकर्मियों के लामबंद होने और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने से साफ है कि वे अपने अधिकारों के लिए गंभीर हैं। अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे शीघ्र समस्या का समाधान कर वन विभाग के कामकाज को सुचारू रूप से चलाएं।