भोपाल: मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) को जांच पूरी करने के लिए जुलाई के पहले सप्ताह तक का वक्त दिया है और हाईकोर्ट को इस मामले की सुनवाई से दूर रहने का निर्देश दिया है। इस मामले में मंत्री की विवादित टिप्पणियों ने देशभर में हलचल मचा दी है।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और SIT की जांच
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस जेजे सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता शामिल थे, ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई की। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि SIT ने 21 मई को जांच शुरू कर विभिन्न गवाहों के बयान दर्ज किए हैं और मोबाइल समेत कई अहम सबूत भी जुटाए गए हैं। जांच प्रारंभिक चरण में है और हाईकोर्ट को कहा गया है कि वे सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ इस मामले की सुनवाई न करें।
मंत्री विजय शाह के बयान और विवाद
11 मई को मध्यप्रदेश के महू में हलमा कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन कहकर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद उन्होंने माफी भी मांगी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे ‘मगरमच्छ के आंसू’ बताया और माफी स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
हाईकोर्ट की FIR और सुप्रीम कोर्ट का आदेश
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को मंत्री विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया था, जिसके बाद इंदौर के मानपुर थाने में मामला दर्ज हुआ। इसके खिलाफ विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां जांच के लिए SIT गठित की गई।
SIT की रिपोर्ट और आगे की प्रक्रिया
SIT ने अभी तक छह दिन की जांच के दौरान मंत्री से पूछताछ नहीं की है, लेकिन वीडियो बयान और गवाहों के बयान रिपोर्ट में शामिल किए गए हैं। SIT ने जांच रिपोर्ट जुलाई के पहले सप्ताह तक सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया है।
मंत्री के बयान से सेना और समाज आहत
मंत्री विजय शाह के विवादित बयान ने देश की सेना और समाज की भावनाओं को आहत किया है। सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी और जांच प्रक्रिया से यह मामला न्यायालय की निगरानी में है। आगामी सुनवाई में SIT की जांच रिपोर्ट निर्णायक भूमिका निभाएगी।