शराब नीति से जुड़े CBI केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार, 13 सितंबर को जमानत मिल गई। केजरीवाल 177 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे। अदालत ने जमानत के लिए वहीं शर्तें लगाई हैं, जो ED केस में बेल देते वक्त लगाई गई थीं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति मामले से जुड़े कथित घोटाले के मामले में जमानत दे दी है। उनके आज ही जेल से बाहर आने की खबर है। इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं का जोश हाई है। आप ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं। आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी और मोदी सरकार पर जमकर भड़ास निकाली है।

AAP नेता मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, ‘आज सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी को बहुत बड़ा संदेश दिया है कि तुम्हें अपनी तानाशाही बंद करनी पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट का आदेश बीजेपी के मुंह पर कड़ा तमाचा है कि बीजेपी एजेंसियों का गलत उपयोग कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘भारत में अगर किसी की चलेगी तो देश के संविधान की चलेगी।

केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार गिरफ्तार किया था। 10 दिन की पूछताछ के बाद 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया। 10 मई को 21 दिन के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए रिहा किया गया। ये रिहाई 51 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी। 2 जून को केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया।
आज यानी 13 सितंबर को केजरीवाल की रिहाई हो जाती है तो उन्हें जेल गए कुल 177 दिन हो जाएंगे। इसमें से वह 21 दिन अंतरिम जमानत पर रहे। यानी केजरीवाल ने अब तक कुल 156 दिन जेल में बिताए हैं।
देखिये इन शर्तों पर मिली है जमानत

अरविंद केजरीवाल पर ईडी मामले में मिली अंतरिम जमानत पर लागू शर्तें सीबीआई मामले में भी लागू रहेंगी. वह कोई भी फाइल साइन नहीं कर पाएंगे. जमानत अवधि के दौरान शराब नीति मामले में टिप्पणियां नहीं करेंगे. उन्हें जमानत में पूरा सहयोग करना होगा. वह बतौर सीएम दफ्तर नहीं जा सकते हैं. इसके साथ ही वह किसी भी फाइल पर साइन नहीं कर पाएंगे. केजरीवाल मुख्यमंत्री दफ्तर और सचिवालय नहीं जा सकेंगे. वह किसी भी गवाह से कोई भी बातचीत नहीं करेंगे. जरूरत पड़ने पर उनको ट्रायल कोर्ट में पेश भी होना होगा और पूरा सहयोग देना होगा.