95 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले देश तजाकिस्तान में हिजाब पर बैन लगा दिया गया है. राष्ट्रपति ने इसे कट्टरपंथ के खिलाफ अहम कदम बताया है. बता दें की दो महीने पहले देश की संसद ने प्रस्ताव पास कर हिजाब पर बैन लगाया है
राष्ट्रपति Emomali Rahmon लगातार हिजाब को विदेशी परिधान बोलते रहे हैं. सरकारी नौकरी करने वाली महिलाओं के हिजाब पहनने पर ज्यादा पेनल्टी वसूली जाने का प्रावधान किया गया है.
सामान्य महिलाओं के हिजाब इस्तेमाल करने पर 700 डॉलर वसूलने का प्रावधान है. तजाकिस्तान की सरकार ने कई और तरह की धार्मिक क्रिया-कलापों पर भी रोक लगाई है. देश की 95 फीसदी आबादी मुस्लिम है, इसके बावजूद मौजूदा सरकार कई सख्त फैसले ले रही है.

माना जा रहा है कि इसके पीछे दुनिया के बाकी देशों से जुड़ने की कोशिश है. सोवियत रूस से अलग होने के बाद तजाकिस्तान में कई सारी कट्टरपंथी ताकतें हावी हो गई थीं. सरकार उन कट्टरपंथी समूहों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है.
द डिप्लोमेट की एक रिपोर्ट की मानें तो ताजिकिस्तान की सरकार ने बीते कुछ सालों के भीतर दो हजार से भी ज्यादा मस्जिदें बंद करते हुए उन्हें कैफे, सिनेमाघर, फैक्ट्री या सोशल वर्क सेंटरों में बदल दिया. इसका मकसद धार्मिक प्रैक्टिस को कट्टरता से दायरे से बाहर लाना था. राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन ने एकदम से ऐसा नहीं किया, बल्कि पहले उन मस्जिदों को नोटिस जारी किया गया, जिनके पास रजिस्ट्रेशन नहीं था. इसके बाद अनाधिकृत धार्मिक जगहों को सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया.