बैतूल, मध्य प्रदेश। महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास की दिशा में मध्य प्रदेश के बैतूल जिले ने एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। बैतूल के सारणी में आयोजित स्वयं सहायता समूह सम्मेलन में महिलाओं के आत्मविश्वास, आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता की अनूठी मिसाल देखने को मिली। यह आयोजन न केवल उत्सव का प्रतीक था, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक उत्थान की दिशा में एक नई सोच और सशक्त पहल की शुरुआत भी थी।
इस भव्य सम्मेलन में ₹463.55 करोड़ लागत के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया गया। साथ ही, बैतूल जिले की स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी महिलाओं के स्टार्टअप्स में ₹8.5 करोड़ के निवेश के लिए इंटेंट टू इन्वेस्ट लेटर प्रदान किए गए, जोकि एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक कदम है।
स्वयं सहायता समूह: मातृशक्ति की नई पहचान
स्वयं सहायता समूहों ने आज जिस मुकाम को हासिल किया है, वह किसी चमत्कार से कम नहीं है। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं, जो कभी पारिवारिक जिम्मेदारियों तक सीमित थीं, आज छोटे उद्योग, स्वरोजगार, कृषि आधारित व्यवसाय और स्टार्टअप्स की संस्थापक बन चुकी हैं। ये महिलाएं आत्मनिर्भरता की जीवंत मिसाल बन गई हैं।
इस सम्मेलन में भाग लेने वाली महिलाएं केवल योजनाओं की लाभार्थी नहीं थीं, बल्कि वे स्वयं अब योजनाओं की भागीदार, नवाचार की संवाहक और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुकी हैं। इन बहनों ने अपने परिश्रम, संघर्ष और समर्पण से समाज में वह स्थान बनाया है, जो वंदनीय और अनुकरणीय है।
₹463.55 करोड़ की विकास योजनाओं का लोकार्पण व भूमिपूजन
सम्मेलन के अवसर पर ₹463.55 करोड़ की लागत से तैयार होने वाले विभिन्न विकास कार्यों का शुभारंभ किया गया। इनमें सड़क निर्माण, जलापूर्ति, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि संबंधित योजनाएं शामिल थीं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण विकास को गति देना, आधारभूत ढांचे को मजबूत करना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना है।
इन योजनाओं के माध्यम से सरकार यह संदेश देना चाहती है कि विकास की धारा अब केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि ग्राम और छोटे कस्बों तक समान रूप से पहुंचेगी।
₹8.5 करोड़ का निवेश: ग्रामीण स्टार्टअप्स को नई उड़ान
बैतूल जिले की स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप्स में ₹8.5 करोड़ का निवेश प्रस्तावित किया गया है। इस अवसर पर महिलाओं को इंटेंट टू इन्वेस्ट लेटर प्रदान किए गए, जो इस बात का प्रमाण हैं कि ग्रामीण भारत की महिलाएं अब आर्थिक गतिविधियों की मुख्यधारा में प्रवेश कर चुकी हैं।
यह निवेश:
महिलाओं को अपने स्टार्टअप्स को विस्तार देने में मदद करेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
महिलाओं के भीतर उद्यमिता की भावना को प्रोत्साहित करेगा।
सुशासन और समृद्धि का प्रतीक: देवी अहिल्याबाई होल्कर
इस आयोजन में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया गया, जिन्होंने अपने शासनकाल में नारी सशक्तिकरण और न्याय आधारित शासन की मिसाल पेश की थी। उनके आदर्शों को आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नया जीवन और दिशा मिल रही है।
प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई “लखपति दीदी योजना”, मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया, जनधन योजना आदि कार्यक्रमों ने ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
स्वयं सहायता समूह: आत्मनिर्भर भारत की नींव
आज देश में लाखों स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनमें करोड़ों महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इन समूहों ने महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाया है। वे अब स्वयं के उत्पाद बना रही हैं, उन्हें बाजार तक पहुँचा रही हैं और डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी उपयोग कर रही हैं।
मध्य प्रदेश में अब तक:
2.5 लाख से अधिक SHG सक्रिय हैं।
30 लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई हैं।
5,000+ स्टार्टअप महिला SHG सदस्यों द्वारा संचालित हैं।
सम्मेलन की मुख्य बातें
महिलाओं को विभिन्न योजनाओं के हितलाभ वितरण किया गया।
बैतूल जिले की विकास पुस्तिका का लोकार्पण हुआ, जिसमें जिले की योजनाओं, उपलब्धियों और आगामी कार्यों का विवरण है।
महिला उद्यमियों की उत्पाद प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें बुनाई, कढ़ाई, फूड प्रोसेसिंग, ऑर्गेनिक उत्पाद, बागवानी आदि शामिल थे।
डिजिटल इंडिया से जुड़ाव के तहत महिलाओं को डिजिटल लेन-देन, ऑनलाइन बिजनेस और जीईएम पोर्टल के प्रशिक्षण की जानकारी दी गई।
नेतृत्व और संकल्प: मातृशक्ति को नमन
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि:
“माता-बहनों ने अपने परिश्रम और समर्पण से समाज में जो स्थान बनाया है, वह वंदनीय, अनुकरणीय और प्रेरणास्पद है। अब महिलाएं केवल घर की जिम्मेदार नहीं रहीं, वे गांव, समाज और राष्ट्र के निर्माण में बराबर की भागीदार बन चुकी हैं।”
“मातृशक्ति आज आत्मनिर्भरता का पर्याय बन चुकी है। सरकार का उद्देश्य है कि प्रत्येक महिला को स्वावलंबन और सम्मान का अधिकार मिले।”