गरीबों की भूख मिटाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार एवं भारत सरकार की जनकल्याणकारी योजना राशन वितरण का लाभ छतरपुर जिले में शिक्षक दंपत्ति ले रहे है शिक्षक दंपत्ति पति और पत्नी लगभग 11 वर्ष पूर्व जुलाई 2013 में दोनों शिक्षक पद पर पदस्थ हुए थे तब से यह दोनों गरीबी रेखा के निःशुल्क एवं समर्थन मूल्य के राशन वितरण योजना का लाभ ले रहे हैं मामला छतरपुर जिले की ईशानगर विकासखंड का है जहां पर ग्राम पंचायत बिहटा के गोर में पदस्थ शिक्षक शंकरलाल भुर्जी साथ ही ईशानगर विकासखंड के खैरों वार्ड पनागर की प्राथमिक कन्या शाला में पदस्थ शंकरलाल भुर्जी की पत्नी शिक्षिका सोना भुर्जी के द्वारा अपनी नियुक्ति के बाद से लगातार गरीबी रेखा के राशन कार्ड में नाम जुड़वाकर शासन की गरीबों के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ ले रही है जुलाई 2024 में जब इसका खुलासा हुआ तो शंकरलाल भुर्जी ने जुलाई में एवं उनकी पत्नी सोना भुर्जी ने अगस्त 2024 में नाम कटवा लिया है !
शासन को गुमराह करने के लिए शिक्षक दंपत्ति ने बनवाई थी 5 समग्र परिवार आईडी
शिक्षक दंपत्ति के द्वारा पति-पत्नी दोनों शिक्षक होने के बाद उनके द्वारा बेहद ही शातिर तरीके से 5 समग्र परिवार आईडी बनाकर शासन की राशन वितरण योजनाओं का लाभ लिया जा रहा था शिक्षक शंकरलाल भुर्जी अपने माता-पिता की समग्र परिवार आईडी क्रमांक 30318589 जिस पर बीपीएल राशन का लाभ शंकरलाल भुर्जी का परिवार ले रहा हैं उसमें नाम जुड़वा कर राशन योजना का लाभ ले रहा था वहीं शासन को गुमराह करने के लिए अपने माता-पिता के परिवार के साथ एक अलग डुप्लीकेट समग्र परिवार आईडी क्रमांक 40738068 बनवाए हुए था इसी के साथ अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एक अलग से समग्र परिवार आईडी क्रमांक 46367865 बनवाए हुए था इसी के नक्शे कदम पर शंकरलाल की पत्नी सोना भुर्जी के द्वारा भी अपने माता-पिता वाले परिवार की पुरानी समग्र आईडी क्रमांक 36682149 में नाम जुड़वा कर राशन योजना का लाभ लिया जा रहा था वहीं शासन को गुमराह करने के लिए अपने माता-पिता वाले परिवार के साथ एक डुप्लीकेट समग्र परिवार आईडी क्रमांक 40432850 भी बनवा रखी थी इसी तरीके से अपने शिक्षक पति एवं बच्चों के साथ शिक्षिका पत्नी ने एक अलग से समग्र परिवार आईडी क्रमांक 46367865 बनवा रखी थी शासन को गुमराह करने के लिए इन दोनों शासकीय सेवकों ने फर्जीवाड़ा करके शासन को गुमराह करने का कार्य किया है एवं 11 साल से अधिक समय तक निशुल्क एवं समर्थन मूल्य के राशन वितरण योजना का लाभ लिया हैं
मामले को दबाने में जुटा शिक्षा विभाग शिक्षक दंपत्ति की करतूतों पर डाल रहा पर्दा
मामला उजागर होने के बाद शिक्षक दंपत्ति ने बेहद शातिर ढंग से अपने नाम राशन योजना का लाभ मिल रही समग्र परिवार आईडी से तो कटवा लिया लेकिन पूर्व में लिए गए राशन पर पर्दा डालने का काम अब शिक्षा विभाग कर रहा है शिक्षक दंपत्ति की इस करतूत को लेकर 12 जुलाई 2024 को सीएम हेल्पलाइन क्रमांक 27969935 लगाई गई थी जिसमें विभाग द्वारा अपने शिक्षक दंपत्ति को क्लीन चिट देने का काम किया गया जबकि खाद्य विभाग द्वारा स्पष्ट तौर पर इसी सीएम हेल्पलाइन के एक जवाब में लिखा गया कि शिक्षक शंकरलाल भुर्जी के द्वारा विगत 11 वर्षों तक शासन की निशुल्क एवं समर्थन मूल्य की राशन वितरण योजना का लाभ लिया गया है जबकि शिक्षिका सोना भुर्जी को शिक्षा विभाग ने बगैर जांच किए ही क्लीन चिट दे दी गई है जबकि शासन के एईपीडीएस पोर्टल पर स्पष्ट तौर पर इस बात का उल्लेख है कि संबंधित शिक्षिका ने अपने परिवार के साथ नाम जुड़वाकर शासन की राशन वितरण योजना का लाभ लिया है हालांकि शिक्षा विभाग अब अपने शिक्षक दंपत्ति की करतूत पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है
शिकायतकर्ता बोला नहीं हुई कार्रवाई तो न्यायालय की लूंगा शरण
इस पूरे मामले के शिकायतकर्ता प्रिंस कुमार भरभूंजा ने बताया कि इस पूरे मामले में अगर शिक्षा विभाग कार्रवाई नहीं करता है तो न्यायालय की शरण लेने को मजबूर होंगे शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि शिक्षक दंपत्ति की करतूत पर पर्दा डालने के लिए इस मामले के जांच अधिकारी एवं ईशानगर संकुल के प्राचार्य जयप्रकाश चौरसिया भरसक प्रयास कर रहे हैं लेकिन सबूत होने के बाद भी मामले को दबाने में जुटे हुए हैं शिक्षा विभाग अपने शिक्षक दंपत्ति को बचाने के लिए हर संभव प्रयासरत है शिकायतकर्ता ने कहा कि उसे अब शिक्षा विभाग से न्याय की उम्मीद नहीं है शिकायतकर्ता ने मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट में आवेदन देकर मामले में कार्यवाही की मांग की हैं !