भोपाल: शहर में होने वाला 77वां आलमी तब्लीगी इज्तिमा 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। चार दिन चलने वाला यह आयोजन ईटखेड़ी स्थित घासीपुरा में होगा, जो भोपाल से करीब 14 किलोमीटर दूर है।2 दिसंबर को सामूहिक दुआ के साथ इज्तिमा का समापन होगा।
इज्तिमा में शामिल होने के लिए लोग एक हफ्ते पहले से ही आना शुरू कर देंगे। लोगों को इज्तिमा के बारे में जानकारी देने के लिए जमातें जगह-जगह जाकर प्रचार कर रही हैं। पहले दिन कई जोड़ों का निकाह भी होगा। इज्तिमा मार्ग पर किसी भी फेरीवाले को दुकान लगाने की इजाजत नहीं होगी।
बड़ी संख्या में पहुंच रहे लोग
तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। फिर भी बड़ी संख्या में लोग रोजाना काम में हाथ बटाने के लिए यहां आ रहे हैं। पिछले दो दिनों से सरकारी छुट्टी होने के कारण यहां बहुत लोग देखे गए। इस साल लोगों की सुविधा का खास ख्याल रखा जा रहा है। पिछली बार की तुलना में इस बार व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया गया है।
वुजूखाने के लिए बड़े इंतेजाम
पानी की कोई कमी न हो इसके लिए 20 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जा रही है। पाइप लाइन का काम भी लगभग तैयार है। वुजू (नमाज से पहले शरीर धोने का तरीका) के लिए 35 हजार से ज़्यादा नल लगाए जाएंगे। इसके अलावा, लगभग 8000 शौचालय बनाए जाएंगे। इनमे कुछ पक्के और कुछ अस्थायी होंगे।
पार्किंग के लिए व्यवस्था बढ़ाई
गाड़ियों की पार्किंग के लिए 65 से अधित जगहें बनाई गई हैं। दोपहिया, चौपहिया और बड़े वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। पिछली बार की तुलना में इस बार पार्किंग के लिए 6 नई जगहें बनाई गई हैं। आयोजन स्थल पर खाने-पीने से लेकर इलाज तक की सभी सुविधाएं मौजूद रहेंगी।
फूड जोन में पॉलीथिन और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक
इस बार भी फूड जोन में पॉलीथिन और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक रहेगी। प्लास्टिक पर पूरी तरह से रोक रहेगी। पानी की बोतलों को एकत्रित कर डिस्पोज किया जाएगा। संभागायुक्त संजीव सिंह ने इज्तिमा के इंतजामों का जायजा लिया। इस मौके पर उन्होंने नगर निगम, बिजली, पीएचई, पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य सहित अन्य सरकारी विभागों के अधिकारियों को समन्वय से काम करने की हिदायत दी।
अलर्ट रहेंगी बुलेट स्ट्रेचर एंबुलेंस
इज्तिमा में सात से दस लाख तक बंदों की तादाद को देखते हुए इंतेजामिया कमेटी ने बुलेट स्ट्रेचर एंबुलेंस तैयार की है, जिससे अचानक से किसी की भी तबीयत बिगड़ने पर बुलेट एंबुलेंस से उसे बाहर तक आसानी से लाया जा सकेगा। यहां से एंबुलेंस की मदद से अस्पताल तक भेजा जाएगा। हालांकि, प्राथमिक उपचार के लिए 20 से अधिक निजी अस्पताल और सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर मौजूद रहेंगे।