भोपाल: राज्य सरकार ने एक बार फिर मध्यप्रदेश के शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए राहत भरा फैसला लिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुई कैबिनेट बैठक में ट्रांसफर प्रक्रिया की अंतिम तारीख को 17 जून 2025 तक बढ़ा दिया गया है। पहले यह सीमा 31 मई तय की गई थी, जिसे बढ़ाकर 10 जून किया गया था। अब सरकार ने इसे और एक सप्ताह आगे बढ़ाते हुए 17 जून तक कर दिया है।
अधिकारियों और कर्मचारियों को राहत
इस निर्णय से उन अधिकारियों और कर्मचारियों को राहत मिलेगी, जो किसी कारणवश अब तक तबादला प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सके थे या जिनके ट्रांसफर अभी लंबित हैं। इस वर्ष गर्मियों की छुट्टियों और लोकसभा चुनाव की व्यस्तताओं के चलते स्थानांतरण प्रक्रिया सामान्य समय से देर से शुरू हुई थी, जिसके मद्देनजर सरकार ने यह निर्णय लिया है।

कई विभागों ने समयसीमा बढ़ाने का किया था अनुरोध
कैबिनेट के सूत्रों के अनुसार, कई विभागों से ट्रांसफर समयसीमा बढ़ाने के अनुरोध आए थे। साथ ही कर्मचारी संगठनों ने भी मांग की थी कि प्रक्रिया को कुछ और दिन आगे बढ़ाया जाए, ताकि लंबित प्रस्तावों को समय रहते निपटाया जा सके। सरकार ने इस संवेदनशीलता को समझते हुए ट्रांसफर विंडो को 17 जून तक के लिए खोले रखने का फैसला लिया है।
17 जून के बाद नहीं होंगे ट्रांसफर
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि 17 जून के बाद सामान्य स्थिति में कोई ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। केवल विशेष परिस्थिति में ही ट्रांसफर की अनुमति दी जाएगी, जिसके लिए संबंधित विभागों को उचित कारण प्रस्तुत करना होगा और उच्चस्तरीय स्वीकृति प्राप्त करनी होगी।

समयसीमा के भीतर कराएं ट्रांसफर
सरकार ने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि वे समयसीमा के भीतर ट्रांसफर प्रस्तावों को अंतिम रूप दें और प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखें। विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, राजस्व और पुलिस जैसे महत्वपूर्ण विभागों में आवश्यकतानुसार संतुलन बनाए रखते हुए स्थानांतरण सुनिश्चित किए जाएं।
कर्मचारी संगठनों ने फैसले का किया स्वागत
कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। संगठनों का कहना है कि इससे हजारों परिवारों को राहत मिलेगी और बच्चों की शिक्षा तथा पारिवारिक व्यवस्थाओं को स्थायित्व मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह फैसला सरकार की संवेदनशीलता और कर्मचारी हितों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार हर वर्ष स्थानांतरण के लिए एक निश्चित अवधि तय करती है, ताकि प्रशासनिक कामकाज में बाधा न आए और नई पोस्टिंग शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले पूरी की जा सके। इस बार चुनावी वजहों से देरी हुई, लेकिन अब यह स्पष्ट कर दिया गया है कि यह अंतिम समय विस्तार है।