ANUPPUR: अनूपपुर जिले में इन दिनों पत्रकारों के खिलाफ धमकी और दबाव की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। महिला पत्रकार सुमिता शर्मा के बाद अब वरिष्ठ पत्रकार अजय जायसवाल को खबर छापना महंगा पड़ गया है.
खबर चलाने पर भेजा नोटिस
मामला है कांग्रेस नेता मंगलदीन साहू का, जिन पर ग्राम परसेल कला में रिश्वतखोरी का आरोप लगा. पत्रकार अजय जायसवाल ने इस पूरे मामले पर खबर प्रकाशित की, जिसमें रिश्वत लेने की रिकॉर्डिंग तक सामने आई. लेकिन खबर छपते ही बौखलाए मंगलदीन साहू ने सोशल मीडिया के ज़रिए नोटिस भेज डाला. इस नोटिस में पत्रकार पर 1 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा किया गया है.
सिर्फ डराने और दबाव बनाने की साजिश ?
कानूनी जानकारों की मानें तो नोटिस भेजने की वैधानिक प्रक्रिया डाक, रजिस्ट्री या रिसीविंग के जरिए होती है, ना कि सोशल मीडिया से। ऐसे में सवाल उठता है – क्या यह सिर्फ डराने और दबाव बनाने की साजिश है ?
अखबार के पंजीयन पर भी उठाए सवाल
“मामले में दिलचस्प मोड़ तब आया जब नोटिस में पत्रकार की पहचान और अखबार की पंजीयन पर भी सवाल उठाए गए, जबकि ‘जनसंपर्क एक्सप्रेस’ जिला जनसंपर्क कार्यालय में विधिवत रूप से पंजीकृत है।”
पत्रकार संगठनों ने बताया प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला
“पत्रकार संगठनों ने इसे प्रेस स्वतंत्रता पर हमला बताया है. श्रमजीवी पत्रकार संघ पहले ही पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सरकार से मांग कर चुका है. “पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है. सवाल पूछना और सच्चाई दिखाना अगर अपराध है, तो हर पत्रकार दोषी है. अब देखना यह होगा कि इस डराने की राजनीति पर प्रशासन और न्यायपालिका क्या रुख अपनाते हैं.