अहमदाबाद प्लेन हादसे में रमेश विश्वास कुमार इकलौते ऐसे यात्री थे जो जिंदा बच गए। रमेश विश्वास ने बताया कि मुझे विश्वास नहीं होता कि मैं कैसे जिंदा बाहर निकला। शायद दरवाजा टूटा और सीट समेत मैं नीचे गिर गया। मुझे कुछ याद भी नहीं था। रमेश कुमार अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। इस दौरान PM मोदी सिविल अस्पताल पहुंचे। जहां उन्होनें रमेश से मुलाकात की और हालचाल जाना। दोनों के बीच करीब 10 मिनट तक बातचीत हुई।

रमेश को विश्वास नही की वह जिंदा कैसे बचे
पीएम से बातचीत के दौरान उन्होनें बताया की सब कुछ मेरे सामने हुआ। मुझे पता नहीं कैसे यह हुआ। मुझे विश्वास नहीं होता कि मैं कैसे जिंदा बाहर निकला। थोड़े वक्त के लिए लगा था कि मैं भी मरने वाला हूं। मेरी आंख खुली तो लगा कि मैं जिंदा हूं। मैंने सोचा मैं यहां से निकल सकता हूं और मैं निकल गया। सवाल: फ्लाइट के टेक ऑफ होते ही क्या हुआ? जवाब: टेक ऑफ होते ही पांच-दस सेकेंड के अंदर लगा कि स्टाप हो गया हो है। बाद में ग्रीन और व्हाइट लाइट ऑन हो गई। फिर जैसे ही स्पीड बढ़ाई। उसी समय गिर गया और धमाका हो गया। सवाल: जब फ्लाइट हॉस्टल पर गिरी तभी आप बाहर निकले थे। जवाब: मेरी सीट प्लेन के जिस हिस्से में थी, वो बिल्डिंग के निचले हिस्से से टकराया होगा। ऊपर के हिस्से में आग लग गई थी, कई लोग वहीं फंसे गए। शायद मैं सीट समेत नीचे गिर गया था। मैं जैसे-तैसे निकल पाया। दरवाजा टूट गया था और सामने कुछ खाली जगह दिखी, तो निकलने की कोशिश की। दूसरी साइड पर दीवार थी, वहां से शायद कोई नहीं निकल सका। आंखों के सामने ही दो एयर होस्टेस, एक अंकल-आंटी और सब कुछ जल रहा था। सवाल: आप पैदल चलकर आए वहां से।

विमान में 242 यात्रियों में, 241 ने गवाई जान
एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 (बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन) अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। गुरुवार दोपहर 1.40 बजे क्रैश हो गई। इसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे। एक यात्री जिंदा बचा है। 240 लोगों की मौत हुई है।
प्लेन जिस बिल्डिंग से टकराया, वहां अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स रहते हैं। जानकारी के मुताबिक हादसे के समय इमारत में 50 से 60 डॉक्टर मौजूद थे, इनमें 15 से ज्यादा घायल हो गए हैं। हादसे की जगह से मिले ज्यादातर शव पूरी तरह से झुलस गए।